Sunday, April 26, 2015

Suchir Drawings

This post is all about my son's drawings :) I am very proud that Suchir has his own imagination. I remembered the day when we watched Jurassic park movie with him, he didn't understand much but loved dinosaurs. After watching the movie he loved to draw dinosaurs. He can just look at a picture and draw it if he liked that dinosaur. Now a days he is fan of Doraemon too, and see what he has drawn: 
Doraemon inside dinosaur's mouth


Full drawing with an aligator in water 


Nobita and Doraemon

Some dinosaur

Some more


Friday, April 17, 2015

Balcony Gardening

No Yard, No problem!! Now a days spending time on my beautiful Balcony :)

Coriander Herb!!



Mint Herb!!



Sunday, April 12, 2015

Suchir goes to IISJ


His first day to Indian international school, he was very happy and excited. He was waiting for full two weeks to wear school uniform and go to new school. So finally here we go. 

With Ayusha, both in very happy mood.

Say 'hai cheeesu'!! 

Wednesday, April 8, 2015

Suchir's Animal Love

Amimal-loving Suchir  in happy mood..............................copying Dinosaurs,Dogie etc!!! 

WHO I AM?

WHO I AM......?





BYE BYE!!

Sunday, April 5, 2015

सुचिर का पहला स्की अनुभव

जनवरी का महीना, सुचिर खिडकी से सफेद बर्फ की चादर ओढे माउन्ट फ्यूजी को देख कर उत्साहित था. उसे तो बर्फ में उछ्ल कूद करने का मन कर रहा था, लेकिन इस साल अभी तक तोक्यो में बर्फ नहीं पडी थी. क्यों ना कहीं पहाडों पर जा कर बर्फ का आनंद लिया जाये!! जापान में बहुत सारे स्की रिसोर्ट हैं, कुछ तो तोक्यो से ज्यादा दूर भी नहीं. इंटरनेट पर थोडा सर्च करने के बाद निगाता प्रांत में स्थित नाएबा स्की रिसोर्ट जाने का तय हुआ.


नएबा स्की रिसोर्ट 
जाने वाले दिन सुचिर सुबह से ही बहुत खुश था, आज वह शिनकानसेन (बुलेट ट्रेन) से जो जाने वाला था :), सुबह से ही तैयार बैठा जाने का इंतजार कर रहा था. हम लोग सबवे से तोक्यो स्टेशन पहुंचे, जल्दी से टिकट ले कर हम प्लेट्फार्म पर पहुंच गये. सुचिर पापा के साथ आती जाती शिनकानसेन को देखने लगा, कुछ समय के बाद हमारी ट्रेन प्लेट्फार्म पर आ गयी, जोएत्सु शिनकानसेन अब जाने के लिये तैयार थी

टोक्यो  स्टेशन पर शिनकानसेन 























80 मिनट में हम युज़ावा पहुंच गये, यहां से हमें बस से रिसोर्ट पहुंचना था. लेकिन हमने स्टेशन से बाहर निकलने में थोडी देर कर दी और हमारी रिसोर्ट बस छूट गयी.. दूसरी बस 1 घंटे बाद थी, एक लोकल बस जो रिसोर्ट के पास से जाती थी 10 मिनट के बाद जाने वाली थी, ठंड बहुत थी तो हमने लोकल बस से ही जाने का तय किया. बस घुमवदार बर्फ से लदे पहाडी रास्ते से होती हुई करीब 1 घंटे में नाएबा पहुंची.



रिसोर्ट पहुंचते पहुंचते साम हो चुकी थी, थोडी देर घूमने के बाद हमने खाना खाया और जल्दी सोने चले गये. सुबह जब नींद खुली तो बाहर धूप निकल चुकी थी. मौसम आच्छा था, हम लोगों ने बर्फ में खूब मजे किये. 



नास्ता 
सुचिर ने स्की क्लास में दो घंटे का लेसन लिया, वो दिन भर पापा के साथ स्की करता रहा. साम को हमने जापानी रेस्तरॉ में खाना खाया और बाद में थकान मिटाने के लिये होट्ल के ऑन्सेन (गरम पानी का कुंड) मे नहाने चले गये.


 




दूसरे दिन सुबह खूब बर्फ पड रही थी. हम लोगों ने सुबह ताजी बर्फ में स्की का आनन्द लिया और कुछ देर बर्फ में खेला. 

कुछ यादें तस्वीरों में:


सुचिर 
सुचिर मस्ती में 


नएबा में रात को स्की 




वापसी 
समय कब बीत गया पता ही नहीं चला. साम को हमने बस से तोक्यो जाने का तय किया. बस से तोक्यो का रास्ता करीब 4 घंटे का था. बस का सफर भी काफी आच्छा और मनोरम था. साम को 9 बजे हम वापस पहुंच गये. सुचिर का पहला स्की का अनुभव एक यादगार बन गया.